राष्ट्र विकसित वह जहाँ जागी जवानी
जोश को यदि होश की दें दिशा ज्ञानी |
फैल जाए रोशनी, तम की कहानी
खतम हो, अब तक न हमने टेक ठानी|
राष्ट्र विकसित वह जहाँ जागी जवानी|
बृजेश कुमार नायक
“जागा हिंदुस्तान चाहिए” एवं “क्रौंच सुऋषि आलोक” कृतियों के प्रणेता