राष्ट्र निर्माण को जीवन का उद्देश्य बनाया था
(१२जनवरी युवा दिवस)
जिनके एक आव्हान पर,जागा हिंदुस्तान था
राष्ट्र निर्माण भारत का गौरव,जिनका एक आव्हान था
देश और दुनिया में, विवेकानंद महान था
धर्म और आध्यात्म की ताकत, युवाओं को समझाई थी
पाश्चात्य अनुशरण पर, उन्होंने फटकार लगाई थी
भारतीय संस्कृति को पोषित कर, परतंत्रता से लड़ी लड़ाई थी
भारतीय समाज की ताकत धर्म है,सारी दुनिया को समझाया
सारी दुनिया में उन्होंने, भारतीय संस्कृति दर्शन को बतलाया
जागृत भारत के वक्ता ने, सांस्कृतिक चेतना सृजन की
सुदीर्घ रजनी समाप्त होने की,महा दुख के अंत घोषणा की
देखें निद्रा से जाग रहा भारत,उषा की नई किरण आएगी
अगले पचास साल में, भारत माता स्वतंत्रत हो जाएगी
उनके वैचारिक क्रांति मार्ग से,जागा सारा भारत था
गौरव और स्वाभिमान जगा,नव जागरण का आवाहन था
समझाया नारीशिक्षा को, नैतिक बल का सम्मोहन था
अंधकार गरीबी से लड़ने, दरिद्र को-नारायण बताया था
स्वामी जी की शिक्षाएं,आज बहुत प्रसांगिक हैं
नवभारत के निर्माण में, उनकी बहुत ज़रूरत है