राष्ट्रीय विकास में विद्यार्थियों की भूमिका (कविता)
विद्यार्थी जीवन का हर एक क्षण है अविस्मरणीय सफलता की दिशा पर अग्रसर हो बनाए सार्थक भविष्य
माता-पिता व शिक्षक
बढ़ाए छात्र को ज्ञान के लक्ष्य
को हासिल करने के लिए
छात्र शक्ति उन्नति के उद्देश्य लेकर
बढ़ रही है नये अभियान को पूर्ण करने के लिए
सबको अपने साथ लेकर एकता के सूत्र में पिरोते हुए
सर्व-जन उत्थान को ध्येय बनाकर अपने कर्म पथ पर बढ़ने के लिए
ज्ञान की तलवार लेकर सत्य की ढाल हाथों में थामें हुए
लक्ष्य भेदित मार्ग के व्यवधान को रोकते हुए
तर्क और विज्ञान के सहारे सीख नम्रता की लेते हुए
निज हितों का त्याग करके आत्म -स्वाभिमान की रक्षा करने के लिए
विद्यालय में शिक्षक से ज्ञान रूपी शिक्षा पाकर
साथ ही खेल भावना को बढ़ावा देते हुए
देश प्रेम को साथ लेकर एकता की ढाल बनाकर
यह ध्येय मन में बनाकर किताबी ज्ञान के साथ ही
अन्य समस्त प्रकाश रूपी शिक्षा को पाने का प्रयास करते हुए
सभी विद्यार्थी एकता स्थापित करके सत्य, निष्ठा वह ज्ञान की ज्योति को प्रकाशित कर सर्व हित कार्य करते हुए
एक जागरूक राष्ट्र के निर्माण हेतु अग्रसर होते हुए
आगे ही आगे कदम बढ़ाकर एक मिसाल कायम करते हुए
चल पड़े हैं अविराम अपने बुलंद हौसलों को साथ में लेकर
क्यों कि मालूम है उनको वे ही तो आगामी युग के राष्ट्र निर्माता है
विद्यार्थियों का अथक परिश्रम व सहयोग ही राष्ट्र को विकास की दिशा में अग्रसर करने हेतु सहायक सिद्ध होता है