राष्ट्रीय बालिका दिवस पर
राष्टीय बालिका दिवस पर
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क्यो समझते लड़की है पराया धन
और लड़का है अपने घर का धन,
जबकि दोनो ही लेते है एक कोख से जन्म।
दोनो की एक धरती,दोनो का एक गगन,
दोनो का एक माली,दोनो का एक चमन।
दोनो का एक घर,दोनो का एक आंगन,
फिर भी कहते है लड़की है पराया धन,
और लड़का है अपने ही घर का धन।
दोनो के प्रसव में मां सहती है एक सी पीड़ा,
दोनो के जन्म में होती है एक सी ही क्रीड़ा।
दोनो के जन्म देने में दर्द होता है सहन,
फिर भी कहते है लड़की है पराया धन,
और लड़का होता है अपने घर का धन।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम