राष्ट्रभाषा हिन्दी है हमारी शान
राष्ट्रभाषा हिन्दी है हमारी शान,
हम सब करते हैं इसका मान।
सब भाषाओं में है सबसे न्यारी,
बोलने में लगती है मधुर प्यारी।।
बने गुलाम सब अंग्रेजी के आज,
इसको बोलने में करते नही लाज।
जैसे बोलो वैसे लिखती न ये भाषा,
कुछ अक्षरों को खा जाती ये भाषा।।
बोलने में सहज सरल है हिन्दी
मां के मस्तक की यही है बिन्दी।
लिखने पढ़ने में सरल सहज है,
खोले सबके मस्तिष्क की कुंडी।।
साहित्य का इसमें भरा है सागर,
हर विज्ञान से भरी है ये गागर।
साहित्यकारों की ये है पहचान,
सबको दिलाती हैं यही सम्मान।।
इस भाषा में कोई नही है शंका,
बज रहा विदेशो में इसका डंका।
सब इसको खुशी से है अपनाते,
इसी भाषा में हम सब बतलाते।।
कुछ सज्जन अपनी शान दिखावे,
इसको बोलने में जरा ये कतरावे।
जब वे विदेशी भाषा बोल न पावे,
तब वे हिन्दी भाषा को ही अपनावे।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम