Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jun 2021 · 2 min read

रावण-दहन !

रावण-दहन !

रावण-दहन कर लोग जब मुस्काए,
स्वर्ग में बैठे दशानन अकुलाए।
मन में कुछ विचार कर,धरा पर आए,
भय के बादल जैसे वसुधा पर छाए।

अफरा-तफरी मची, बुरा हाल हुआ,
लगा जैसे प्रकट स्वयं काल हुआ।
बोले दशानन, घबराने की बात नहीं,
कहने आया हूं तुमसे, जो बात सही ।

में पुलत्स्य ऋषि का वंशज,
विश्रवा का पुत्र, बड़ा ज्ञानी ।
मैं लंका का विजयी साशक
शक्ति मेरी, सुरपति ने मानी।

सहस्त्रबाहु से योद्धा मुझसे हारे,
रण में कई नरपति भी मैने मारे।
मुझसे भय खाते थे ग्रह ओ नक्षत्र,
मेरे तरकश में थे सब दिव्य अस्त्र।

मैंने परिश्रम से शक्ति पाई,
रुद्र की कृपा और भक्ति पाई।
शास्त्रों को पढ़ा,अध्ययन किया,
शिक्षा गुरु से भी ग्रहण किया।

मैं सब वेदों का पंडित ज्ञानी,
इस कारण थोड़ा अभिमानी।
कैलाश पर्वत था मेंने उठाया,
रुद्र को भी भुजबल दिखलाया।

शिव ने भी मुझको अपनाया,
शीश काटकर उनको चढ़ाया।
रूठे जब शंकर, मैने मनाया,
शिव स्त्रोत रच, उनको सुनाया।

में रुद्र वीना का भी वादक,
सन्यासी हूं मैं और हूं साधक।
मैंने आयुर्वेद के भी सूत्र पढ़े,
अर्क प्रकाश से उत्तम ग्रंथ गढ़े।

सीता हरण, जो मेरा दोष था,
वो इक भाई का प्रतिशोध था।
उसका दंड भी मैने था पाया,
रण में सब कुछ अपना लुटाया।

तुम जो हर वर्ष, पुतले मेरे जलाते हो,
मुझको रावण, खुद को राम बताते हो।
क्या इतना सहज है राम बन पाना?
राजा होकर वन में जीवन बिताना?

मेरे पुतले जलाकर होगा कुछ लाभ नहीं,
राम मिलेंगे जब मन में हो पाप नहीं।
विचार करो, कुछ ऐसा जतन करो
मन के भीतर जो रावण बैठा,
पहले तुम उसका दहन करो।

Language: Hindi
1 Comment · 378 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
लगी राम धुन हिया को
लगी राम धुन हिया को
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
चांद सितारों सी मेरी दुल्हन
चांद सितारों सी मेरी दुल्हन
Mangilal 713
तेरी महबूबा बनना है मुझे
तेरी महबूबा बनना है मुझे
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
फूलों की है  टोकरी,
फूलों की है टोकरी,
Mahendra Narayan
■ चातुर्मास
■ चातुर्मास
*Author प्रणय प्रभात*
"विचारणीय"
Dr. Kishan tandon kranti
दोस्ती पर वार्तालाप (मित्रता की परिभाषा)
दोस्ती पर वार्तालाप (मित्रता की परिभाषा)
Er.Navaneet R Shandily
मोल
मोल
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
~~तीन~~
~~तीन~~
Dr. Vaishali Verma
किसी को अपने संघर्ष की दास्तान नहीं
किसी को अपने संघर्ष की दास्तान नहीं
Jay Dewangan
दिल पर दस्तक
दिल पर दस्तक
Surinder blackpen
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जीवन एक सफर है, इसे अपने अंतिम रुप में सुंदर बनाने का जिम्मे
जीवन एक सफर है, इसे अपने अंतिम रुप में सुंदर बनाने का जिम्मे
Sidhartha Mishra
एक अच्छे मुख्यमंत्री में क्या गुण होने चाहिए ?
एक अच्छे मुख्यमंत्री में क्या गुण होने चाहिए ?
Vandna thakur
क्रोध
क्रोध
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
उनकी यादें
उनकी यादें
Ram Krishan Rastogi
शिक्षा बिना है, जीवन में अंधियारा
शिक्षा बिना है, जीवन में अंधियारा
gurudeenverma198
You do NOT need to take big risks to be successful.
You do NOT need to take big risks to be successful.
पूर्वार्थ
मुक्तक
मुक्तक
पंकज कुमार कर्ण
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
सत्य कुमार प्रेमी
टेढ़ी ऊंगली
टेढ़ी ऊंगली
Dr. Pradeep Kumar Sharma
काँटों के बग़ैर
काँटों के बग़ैर
Vishal babu (vishu)
*सुनिए बारिश का मधुर, बिखर रहा संगीत (कुंडलिया)*
*सुनिए बारिश का मधुर, बिखर रहा संगीत (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दुनियां का सबसे मुश्किल काम है,
दुनियां का सबसे मुश्किल काम है,
Manoj Mahato
औरों की खुशी के लिए ।
औरों की खुशी के लिए ।
Buddha Prakash
*** सिमटती जिंदगी और बिखरता पल...! ***
*** सिमटती जिंदगी और बिखरता पल...! ***
VEDANTA PATEL
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"दोस्ती क्या है?"
Pushpraj Anant
अंग प्रदर्शन करने वाले जितने भी कलाकार है उनके चरित्र का अस्
अंग प्रदर्शन करने वाले जितने भी कलाकार है उनके चरित्र का अस्
Rj Anand Prajapati
डॉ अरूण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक 😚🤨
डॉ अरूण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक 😚🤨
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...