रावण कभी नहीं मरेगा
कल मारा “रावण” सभी ने मिलकर
बुझा दिया अस्तित्व उस के पुतले का
ख़ुशी से झूमे सभी नर नारी और बालक
धूम शाम से मना”दशेहरे” का हुआ समापन!!
क्या सच में “रावण” मर गया है ?
क्या सच वो दोबारा नहीं जिन्दा होगा ?
क्या बुराई पर सचाई कि जीत हो गयी ?
क्या खत्म हो जायेगा कलियुग से रावण का डर?
जो लिखा है मैने आज वो , इतिहास में लिखा जाएगा
जब तक इंसान के अंदर का रावण खत्म नहीं किया जाएगा
तब तक कितना दिल को खुश कर लों
यह बुराई का सिलसिला इस धरा पर यों ही चलता जाएगा !!
वो “रावण” हर इंसान के अन्दर पल रहा है
वो “रावण” हर घर का नाश यहाँ कर रहा है ,
जब तक इंसान उस को बाहर निकल न फेंके गा
वो “रावण” रोजाना जिन्दगी में अत्याचार ही करना नजर आएगा !!
कवि अजीत कुमार तलवार
मेरठ