Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 May 2024 · 1 min read

राम

प्रेम का दूसरा नाम- राम

1
राम ही , भक्ति है
प्रेम की , शक्ति है
जीत की ,साधना
प्रीति की, भावना
बस एक ,नाम हो
मन बसे , राम हो
2
क्रोध का ,नाश क्षय
स्वयं को, दे विजय
अहं से , युद्ध हो
चित्त भी, शुद्ध हो
सिया बसे ,वाम हो
मन बसे , राम हो
3
कठिन सी ,राह हो
मुक्ति की ,चाह हो
उठे इक, पुलक सी
बजे इक ,खनक सी
खुशी का , धाम हो
मन बसे , राम हो
4
झूठ का, नाश हो
सत्य का ,वास हो
ह्रदय में ,आस हो
भक्ति की, प्यास हो
सदा शुभ ,काम हो
मन बसे , राम हो
5
युद्ध का अंत हो
प्रेम ही अनंत हो
सूर्य का उजास हो
प्रीत का ,रास हो
जाप हो ,नाम हो
मन बसे राम हो
6
प्राण मे शक्ति हो
मन मे भक्ति हो
लय नही ,भंग हो
नवल इक, रंग हो
धूम हो ,धाम हो
मन बसे,

Language: Hindi
1 Like · 31 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अपने आप से भी नाराज रहने की कोई वजह होती है,
अपने आप से भी नाराज रहने की कोई वजह होती है,
goutam shaw
ग़ज़ल/नज़्म - उसके सारे जज़्बात मद्देनजर रखे
ग़ज़ल/नज़्म - उसके सारे जज़्बात मद्देनजर रखे
अनिल कुमार
याद करेगा कौन फिर, मर जाने के बाद
याद करेगा कौन फिर, मर जाने के बाद
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
चौथापन
चौथापन
Sanjay ' शून्य'
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
Kumud Srivastava
#हिंदी_मुक्तक-
#हिंदी_मुक्तक-
*प्रणय प्रभात*
*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
Harminder Kaur
*
*"घंटी"*
Shashi kala vyas
नहीं आती कुछ भी समझ में तेरी कहानी जिंदगी
नहीं आती कुछ भी समझ में तेरी कहानी जिंदगी
gurudeenverma198
"अकेलापन की खुशी"
Pushpraj Anant
"जलती आग"
Dr. Kishan tandon kranti
प्यार है,पावन भी है ।
प्यार है,पावन भी है ।
Dr. Man Mohan Krishna
जिंदगी में रंग भरना आ गया
जिंदगी में रंग भरना आ गया
Surinder blackpen
प्रेम मे धोखा।
प्रेम मे धोखा।
Acharya Rama Nand Mandal
दुर्योधन को चेतावनी
दुर्योधन को चेतावनी
SHAILESH MOHAN
गरीबों की झोपड़ी बेमोल अब भी बिक रही / निर्धनों की झोपड़ी में सुप्त हिंदुस्तान है
गरीबों की झोपड़ी बेमोल अब भी बिक रही / निर्धनों की झोपड़ी में सुप्त हिंदुस्तान है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
रमेशराज की पेड़ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की पेड़ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
एक हाथ में क़लम तो दूसरे में क़िताब रखते हैं!
एक हाथ में क़लम तो दूसरे में क़िताब रखते हैं!
The_dk_poetry
दलित लेखक बिपिन बिहारी से परिचय कीजिए / MUSAFIR BAITHA
दलित लेखक बिपिन बिहारी से परिचय कीजिए / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
पिता
पिता
sushil sarna
2956.*पूर्णिका*
2956.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अयाग हूँ मैं
अयाग हूँ मैं
Mamta Rani
तू बस झूम…
तू बस झूम…
Rekha Drolia
आजा आजा रे कारी बदरिया
आजा आजा रे कारी बदरिया
Indu Singh
गिलहरी
गिलहरी
Kanchan Khanna
चतुर लोमड़ी
चतुर लोमड़ी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
प्रेमी चील सरीखे होते हैं ;
प्रेमी चील सरीखे होते हैं ;
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
“ दुमका संस्मरण ” ( विजली ) (1958)
“ दुमका संस्मरण ” ( विजली ) (1958)
DrLakshman Jha Parimal
अस्थिर मन
अस्थिर मन
Dr fauzia Naseem shad
Loading...