*राम मेरे तुम बन आओ*
राम मिले सीता को जैसे मुझको भी तुम मिल जाओ
तोड़ धनुष को वरण करो तुम, राम मेरे तुम बन आओ
नहीं मांगती बंगला, गाड़ी, नहीं मांगती मैं सोना
कुछ छोटे-छोटे सपने हैं, आकर पूरा कर जाओ
राम मेरे तुम बन आओ…….
युग-युग से प्यासी है धरती, आकर अगन बुझा जाओ
घट-घट बैठी कोटि अहिल्या, आकर उन्हें जिला जाओ
राम मेरे तुम बन आओ…….
दुर्योधन-दसग्रीव बने सब , नारी हाहाकार करे
मर्यादा पुरुषोत्तम हो तुम, त्रेता याद दिला जाओ
राम मेरे तुम बन आओ……
साधू-संत-सियाने जितने, सब माया के लोभी हैं
बच न सकी सोने की लंका,आकर पाठ पढ़ा जाओ
राम मेरे तुम बन आओ….