राम नहीं तो रावण ही गर तुम बन जाओ
हे भारत के नेताओं अब तो होश में आ जाओ
जात पात भाषा मजहब पर अब न और लड़ओ
भोली भाली जनता को कब तक और ठगोंगे
बाज आओ ओछी हरकत से कब तक षड्यंत्र करोगे
राम नहीं तो रावण ही गर तुम बन जाओ
क्यों न तरेंगें भवसागर वह मूल मंत्र तो लाओ
रावण का था मूल मंत्र मोक्ष सभी को दिलाने का
राक्षस जाति से स्वजन उद्दार कराने का
इसीलिए उस महाविज्ञ ने प्रभु से लड़ाई ही ठानी थी
हे नेताजी ध्यान धरो उसकी यही कहानी थी
इसीलिए तुम राम नहीं तो रावण ही बन जाओ
भोली भाली जनता के वह मूल मंत्र ले आओ
धर्म जाति भाषा अंचल पर अब ना आग लगाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी