राम का नाम लो
विमोहा छंद
मापिनी 212 – 212
राम का नाम लो।
भोर लो शाम लो।
जिंदगी में सदा,
धैर्य से काम लो।
बात मीठी करो,
शील को थाम लो।
भीख मांगो नहीं,
काम का दाम लो।
देख लाचार को,
हाथ को थाम लो।
और कोई नहीं,
प्रेम का जाम लो।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली