Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Nov 2023 · 2 min read

राम आगमन

एक बार फिर राम जी का आगमन हो रहा है
जन मन हर्षोल्लास में विभोर हो रहा है।
भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो गया है
राम जी की प्राण प्रतिष्ठा का, अब इंतजार हो रहा है।
एक बार फिर सारी दुनिया
रामजी के अयोध्या के आगमन की
बड़ी बेसब्री से प्रतीक्षा कर रही है।
आखिर करें भी क्यों न?
पांच सौ साल की लंबी प्रतीक्षा
सैंकड़ों बाधाएं, सपनों के साथ दुनिया से
विदा हो चुकी कई पीढ़ियां।
लंबा कानूनी संघर्ष पथ
निर्दोष रामभक्त पर चली गोलियां
और चीखते, कराहते दम तोड़ते राम भक्त
राम के अस्तित्व तक को नकारते रामद्रोही
तरह तरह के व्यंग्य और अपमानित करने का
वोट के लालचियों, धर्म विरोधियों
और सत्ता का घिनौना कृत्य।
सत्य को नकारने की पराकाष्ठा
और रामजी की सहनशक्ति का इम्तिहान लेने का
अजीबोगरीब षड्यंत्र।
मर्यादा को रौंदते कुछ लोगों के काले कारनामे।
आखिरकार कलयुगी रावण की नाभि का
सूख ही गया अमृत,
और गूंज उठी विश्व भर में
मर्यादा पुरुषोत्तम राम की जय जयकार।
और आज फिर से अयोध्या सजधजकर तैयार है
राम जी के आगमन की प्रतीक्षा में,
एक बार फिर से इतिहास बनने जा रहा है।
बाइस जनवरी दो हजार चौबीस का दिन
और आसीन हो जायेंगे अयोध्या के राजा राम।
हम सबके मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम।
विराजेंगे अपने राज सिंहासन पर
अपने बंधु बांधवों, देवी देवताओं के साथ।
तब फिर से दिखने लगेगा,
राम जी का रामराज्य सारी दुनियां को।
और कालिख लगेगी रामद्रोहियों के चेहरों पर।
जो कल तक अस्तित्व को नकारते,
राम जी को काल्पनिक बताते थे।
और आज भी गिरगिट की तरह रंग बदल रहे हैं।
राम जी के आगमन की पक्की खबर पर भी
विश्वास नहीं कर पा रहे हैं।
पर अब जब राम जी का आगमन हो रहा है।
तब वे सब भी डरते डरते आयेंगे।
और प्रभु राम के चरणों में शीश रख,
खुद को माफ करने के लिए, गिड़गिड़ाएंगे
अब ये रामजी जाने,
वो फैसला क्या सुनाएंगे?
पर हम तो कल भी निश्चिंत थे।
और अब तो नाच गा रहे हैं,
अपने प्रभु की प्रतीक्षा में।
रामधुन गा गा कर हर्षोल्लास से, नाच गा रहे हैं।
क्योंकि हम तो निश्चिंत हैं
कि राम जी आ रहे हैं।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 62 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रोला छंद
रोला छंद
sushil sarna
सब अनहद है
सब अनहद है
Satish Srijan
शिक्षक दिवस पर गुरुवृंद जनों को समर्पित
शिक्षक दिवस पर गुरुवृंद जनों को समर्पित
Lokesh Sharma
विषधर
विषधर
Rajesh
3232.*पूर्णिका*
3232.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बोलती आंखें🙏
बोलती आंखें🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बहुत देखें हैं..
बहुत देखें हैं..
Srishty Bansal
ख्याल नहीं थे उम्दा हमारे, इसलिए हालत ऐसी हुई
ख्याल नहीं थे उम्दा हमारे, इसलिए हालत ऐसी हुई
gurudeenverma198
कवि के हृदय के उद्गार
कवि के हृदय के उद्गार
Anamika Tiwari 'annpurna '
"घर घर की कहानी"
Yogendra Chaturwedi
हे मानव! प्रकृति
हे मानव! प्रकृति
साहित्य गौरव
......,,,,
......,,,,
शेखर सिंह
वो जो आए दुरुस्त आए
वो जो आए दुरुस्त आए
VINOD CHAUHAN
आराधना
आराधना
Kanchan Khanna
जिंदगी
जिंदगी
Neeraj Agarwal
क्यूं हँसते है लोग दूसरे को असफल देखकर
क्यूं हँसते है लोग दूसरे को असफल देखकर
Praveen Sain
రామయ్య రామయ్య
రామయ్య రామయ్య
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
दोहे
दोहे
Suryakant Dwivedi
मन मेरा गाँव गाँव न होना मुझे शहर
मन मेरा गाँव गाँव न होना मुझे शहर
Rekha Drolia
पिछले पन्ने 7
पिछले पन्ने 7
Paras Nath Jha
The Sweet 16s
The Sweet 16s
Natasha Stephen
We can rock together!!
We can rock together!!
Rachana
जेसे दूसरों को खुशी बांटने से खुशी मिलती है
जेसे दूसरों को खुशी बांटने से खुशी मिलती है
shabina. Naaz
*रामचरितमानस का पाठ : कुछ दोहे*
*रामचरितमानस का पाठ : कुछ दोहे*
Ravi Prakash
🙅पहचान🙅
🙅पहचान🙅
*प्रणय प्रभात*
भूल गई
भूल गई
Pratibha Pandey
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
"*पिता*"
Radhakishan R. Mundhra
हे पैमाना पुराना
हे पैमाना पुराना
Swami Ganganiya
"निष्ठा"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...