*रामपुर दरबार-हॉल में वाद्य यंत्र बजाती महिला की सुंदर मूर्त
रामपुर दरबार-हॉल में वाद्य यंत्र बजाती महिला की सुंदर मूर्ति
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रामपुर रियासत के प्राचीन राज दरबार-हॉल में जो विशालकाय कुछ मूर्तियॉं हैं, उनमें से एक मूर्ति के हाथ में वाद्य यंत्र ध्यान आकृष्ट करता है। मूर्ति एक महिला की है, जो अपने बाऍं हाथ में एक वाद्य यंत्र लिए हुए हैं तथा दूसरे हाथ से उसे बजाती हुई प्रतीत हो रही है।
वाद्य यंत्र का आकार छोटा है। इसका वजन हल्का ही जान पड़ता है क्योंकि महिला सरलता पूर्वक इसे बाएं हाथ से उठाने में समर्थ है।
वाद्य यंत्र की विशेषता यह है कि इसमें चार तार हैं, जो स्पष्ट दिखाई पड़ रहे हैं। विशेषता यह भी है कि वाद्य यंत्र को बजाने के लिए किसी छड़ी का उपयोग होता हुआ जान नहीं पड़ रहा है। बाएं हाथ में वाद्य यंत्र है और दाहिने हाथ की उंगलियों से उसे बजाया जा रहा है।
महिला वाद्य यंत्र बजाते हुए आकाश की ओर देख रही है। यह एक प्रकार से संगीत में खो जाने की स्थिति होती है। मूर्ति संगीत प्रेम को दर्शाती है। वाद्य यंत्र में जहां बायां हाथ उपकरण को कसकर पड़कर थामने के काम आ रहा है, वहीं दाहिने हाथ की उंगलियां सक्रियता के साथ मुड़ी हुई हैं और वाद्य यंत्र पर काम करती हुई दिखाई दे रही है।
रामपुर का राज दरबार-हॉल रियासत काल में हामिद मंजिल कहलाता था। इसका निर्माण 1905 में तत्कालीन शासक नवाब हामिद अली खॉं के द्वारा किया गया था। वाद्य यंत्र बजा रही महिला की मूर्ति भी संभवत इसी काल की है। इससे रियासत में बीसवीं शताब्दी के प्रथम दशक में संगीत की उपस्थिति सिद्ध हो रही है। हामिद मंजिल की सुंदर इमारत में ही रियासत के विलीनीकरण के पश्चात रामपुर रजा लाइब्रेरी की स्थापना की गई है।
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लेखक : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451