*रामपुर की दिवंगत विभूति*
रामपुर की दिवंगत विभूति
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लाला रामनाथ ठेकेदार
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रामपुर रियासत के विलीनीकरण के पश्चात जन-अभिरुचि को अध्यात्म की ओर मोड़ने में जिन महानुभावों ने अत्यंत सक्रिय योगदान दिया है, उनमें लाला रामनाथ ठेकेदार का नाम सर्वोपरि है।
रामपुर शहर में मिस्टन गंज क्षेत्र के निवासी लाला रामनाथ ठेकेदार ने 1960 ईस्वी में अग्रवाल धर्मशाला में हरिहर संकीर्तन भवन का निर्माण कराया। इसका उद्देश्य धर्मशाला के भीतर धार्मिक चेतना के लिए एक सुंदर वातावरण-युक्त स्थान उपलब्ध कराना था। धर्मशाला के भीतर प्रवेश करते ही दाहिने हाथ को यह ‘हरिहर संकीर्तन भवन’ भगवान शंकर और भगवान विष्णु की उपासना का इस समय भी केंद्र है। इसके भीतर शिवालय भी है और भगवान विष्णु तथा लक्ष्मी जी की सुंदर वृहदाकार मूर्तियॉं भी हैं । इसी के समीप श्री राम दरबार सुशोभित है। देवी जी की मूर्ति भी है। हनुमान जी की मूर्ति भी इसी ‘हरिहर संकीर्तन भवन’ परिसर में है। प्रतिदिन अच्छी संख्या में भक्तजन यहॉं आते रहते हैं। ‘हरिहर संकीर्तन भवन’ का द्वार अग्रवाल धर्मशाला के ऑंगन में खुलता है।
‘हरिहर संकीर्तन भवन’ के द्वार के निकट एक पत्थर पर निम्नलिखित शब्द अंकित हैं:
“हरिहर संकीर्तन भवन श्री साहू हर प्रशाद जी की पुण्य स्मृति में लाला रामनाथ ठेकेदार ने निर्माण कराया। विक्रम संवत 2017 ईसवी सन् 1960”
दूसरे द्वार पर “श्रीमती राधा देवी धर्मपत्नी लाला रामनाथ ठेकेदार विक्रम संवत 2017 ईसवी सन् 1960” अंकित है।
ईसवी सन् तथा विक्रम संवत के वर्ष लोहे के चैनल लगने के कारण अस्पष्ट हो गए हैं।
लाला रामनाथ ठेकेदार का व्यक्तित्व अत्यंत प्रभावशाली था। समाज में बड़ी भारी प्रतिष्ठा थी। उनके कथन की प्रमाणिकता होती थी। वचन पर अडिग रहने का उनका स्वभाव था। रामपुर में साठ के दशक में जब विशाल यज्ञ का आयोजन रामलीला मैदान (कोसी मार्ग) पर हुआ, तो उसमें केंद्रीय भूमिका लाला रामनाथ ठेकेदार की ही थी। उनकी हार्दिक इच्छा थी कि इस यज्ञ से निबट कर अग्रवाल धर्मशाला में एक विशाल सत्संग भवन का निर्माण किया जाए। इसके लिए उनकी योजना चल रही थी। अग्रणी सत्संग प्रेमियों के साथ उनकी बातचीत अंतिम दौर में पहुंच गई थी। लेकिन अकस्मात यज्ञ के दौरान ही उनकी मृत्यु हो गई। लाला रामनाथ ठेकेदार जी की इच्छा और योजना को उनकी मृत्यु के उपरांत उनके परिवार जनों ने मूर्त रूप दिया तथा अग्रवाल धर्मशाला में रामनाथ सत्संग भवन का निर्माण कराया गया।
सत्संग प्रतिदिन हो- इसकी जिम्मेदारी बृजवासी लाल भाई साहब ने ली। अगर कहा जाए कि ‘रामनाथ सत्संग भवन’ को ईट-सीमेंट के एक भवन से बढ़कर जीवंत रूप देने का कार्य बृजवासी लाल भाई साहब ने किया; तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। अब तक सैकड़ों की संख्या में संत ‘रामनाथ सत्संग भवन’ में पधारकर कथा-प्रवचन से रामपुर की जनता को लाभान्वित कर चुके हैं। बृजवासी लाल भाई साहब की मृत्यु के बाद रविंद्र भूषण गर्ग तथा तत्पश्चात वर्तमान में विष्णु शरण अग्रवाल सर्राफ की अध्यक्षता में श्री राम सत्संग मंडल के तत्वावधान में रामनाथ सत्संग भवन सनातन चेतना का केंद्र बना हुआ है। प्रतिदिन यहॉं प्रातः नौ से दस बजे तक सत्संग होता है।
लाला रामनाथ ठेकेदार वैसे तो भवन निर्माण आदि की ठेकेदारी का कार्य करते थे, लेकिन साथ ही रामपुर में सिनेमा व्यवसाय पर भी उनका प्रभुत्व था। रामपुर के सबसे पुराने नाहिद और माला सिनेमाघरों के वह स्वामी थे। राधा सिनेमाघर का नामकरण उनकी पत्नी श्रीमती राधा देवी के नाम पर ही था। कुल मिलाकर व्यापार में भी सफल तथा सामाजिक क्रियाकलापों की दृष्टि से भी उदारवादी चेतना के धनी थे।
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लेखक: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451