राधिका छंद तेरी याद
राधिका छंद 13/9 यति
आदि द्विकल,यति पहले बाद त्रिकल जरूरी।
तेरी याद
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तू छोड़ मुझे यों कहाँ, चली गई बता।
गलती कहाँ कौन हुई, बोल यों न सता ।
बासंती चलती हवा, नहीं मन भाए ।
कोयलिया बोले बाग, बैरिन सताए ।
बिन तेरे कैसे रहूँ, जीवन अकेला।
देखते ही उजड़ गया, भरा मन मेला ।
हर डाल है फूल लदी,रंग अंग बरसें ।
तुम बिन सब फीके लगें, नैन दर तरसें।