राधा नाम जीवन का सार और आधार
मुझे अब शांत रहना भा रहा है
मेरा ह्रदय राधा राधा पुकार रहा है
अकेलापन मुझे अच्छा लगता हैं
तुम्हारा रहना है ए ह्रदय कहता है
संबधो की डोर टूटती जा रही हैं
कृष्ण तुम्हारी तरफ प्रीत बढ़ती जा रही हैं
किसी को नही कुछ भी बताना है
तुम मिलोगे तो सब तुमको सुनाना है
तुमसे बाते करना मुझे अच्छा लगता हैं
कृष्ण तुम्हारे सिवा कोई सच्चा न लगता हैं
मेरे दुश्मन (विकार)अब तुम्हारे भी हो रहे हैं
हम तुम्हारे तुम हमारे दोनों खो रहे हैं
मेरे विचारों पर तुम्हारी सत्ता को बना दिया है
कृष्ण तुम्हारा गुलाम खुद को कर दिया है
मन की उलझनों को राधा नाम सुलझा देगा
इस शरीर को ए राधा नाम भुला देगा ..
प्राण प्यारा राधा नाम जीवन का आधार है
संसार के आनंद का राधा नाम ही सार है..