*राधा को लेकर वर्षा में, कान्हा छाते के संग खड़े (राधेश्यामी
राधा को लेकर वर्षा में, कान्हा छाते के संग खड़े (राधेश्यामी छंद)
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राधा को लेकर वर्षा में, कान्हा छाते के संग खड़े
चिंता है तो केवल इतनी, प्रियतम को एक न बूॅंद पड़े
स्वामी जग के रक्षक जिसके, उसका क्या ठाठ निराला है
वर्षा की बूॅंदें देख रहीं, क्या दृश्य मधुर मतवाला है
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, (निकट मिस्टन गंज) रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451