Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2018 · 1 min read

रात के 2:55

रात के 2:55 हो रहे हैं
पर नींद कहां मुझे आती है
पहली बार वो झलक
अॉंखो से न जाती है
बार-बार तस्वीर तुम्हारी
दिल में उतारा करते हैं
पिछले कुछ हफ्तों से हम
एैसे ही गुजारा करते हैं
तुमको क्या है खबर हमारी
तुम तो घर में सोए हो
ले जाकर ख्वाब हमारे
मीठे सपनों में खोए हो
बस इतनी सी हसरत मेरी
समझो दिल की बात को
बहुत दु:खी हूं बहुत थका हूं
बहुत जगा हूं रात को
घडींयो की सुईयों से पूछो
रात ये कैसी गुजरी है
वो तुमको समझा देंगी
मेरे दिल के ज्जबात को
हर मिनट तुम्हारा नाम लिया
पल-पल मे तुमको चाहा है
घन्टे भर से बैठा हूं
काटूं कैसे इस रात को

(Kavi lakshya)

Language: Hindi
1 Like · 4 Comments · 479 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मायका
मायका
Dr. Pradeep Kumar Sharma
स्वाभिमान
स्वाभिमान
Shyam Sundar Subramanian
सोना जेवर बनता है, तप जाने के बाद।
सोना जेवर बनता है, तप जाने के बाद।
आर.एस. 'प्रीतम'
"धोखा"
Dr. Kishan tandon kranti
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ये मेरे घर की चारदीवारी भी अब मुझसे पूछती है
ये मेरे घर की चारदीवारी भी अब मुझसे पूछती है
श्याम सिंह बिष्ट
आईना मुझसे मेरी पहली सी सूरत  माँगे ।
आईना मुझसे मेरी पहली सी सूरत माँगे ।
Neelam Sharma
सास खोल देहली फाइल
सास खोल देहली फाइल
नूरफातिमा खातून नूरी
सुरभित - मुखरित पर्यावरण
सुरभित - मुखरित पर्यावरण
संजय कुमार संजू
■ छठ महापर्व...।।
■ छठ महापर्व...।।
*Author प्रणय प्रभात*
जीवन पर
जीवन पर
Dr fauzia Naseem shad
आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो
आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो
कवि दीपक बवेजा
प्राण vs प्रण
प्राण vs प्रण
Rj Anand Prajapati
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
किन मुश्किलों से गुजरे और गुजर रहे हैं अबतक,
किन मुश्किलों से गुजरे और गुजर रहे हैं अबतक,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
** स्नेह भरी मुस्कान **
** स्नेह भरी मुस्कान **
surenderpal vaidya
फितरते फतह
फितरते फतह
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
मैं लिखता हूं..✍️
मैं लिखता हूं..✍️
Shubham Pandey (S P)
#धोती (मैथिली हाइकु)
#धोती (मैथिली हाइकु)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
पेड़ के हिस्से की जमीन
पेड़ के हिस्से की जमीन
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
हमें भी देख जिंदगी,पड़े हैं तेरी राहों में।
हमें भी देख जिंदगी,पड़े हैं तेरी राहों में।
Surinder blackpen
रिश्ते दिलों के अक्सर इसीलिए
रिश्ते दिलों के अक्सर इसीलिए
Amit Pandey
नेता अफ़सर बाबुओं,
नेता अफ़सर बाबुओं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हमें भी जिंदगी में रंग भरने का जुनून था
हमें भी जिंदगी में रंग भरने का जुनून था
VINOD CHAUHAN
काले काले बादल आयें
काले काले बादल आयें
Chunnu Lal Gupta
सजधज कर आती नई , दुल्हन एक समान(कुंडलिया)
सजधज कर आती नई , दुल्हन एक समान(कुंडलिया)
Ravi Prakash
चरित्रार्थ होगा काल जब, निःशब्द रह तू जायेगा।
चरित्रार्थ होगा काल जब, निःशब्द रह तू जायेगा।
Manisha Manjari
काल चक्र कैसा आया यह, लोग दिखावा करते हैं
काल चक्र कैसा आया यह, लोग दिखावा करते हैं
पूर्वार्थ
"अपेक्षा"
Yogendra Chaturwedi
शिक्षा
शिक्षा
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
Loading...