Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Mar 2019 · 1 min read

रात के अंधेरों में

“रात के अन्धेरों में”
———————–
मेरा प्रेम
उस जल की तरह है
जिस पर
लाठी की मार पड़ते ही
कुछ समय के लिए
जल,जल सें अलग हो जाता है
और कुछ समय के बाद
जल,जल में ही मिल जाता है
रात के अंधेरों में
तुम्हारा प्रेम खोजती हूँ
तब कुछ नजर नहीं आता
न तुम
और न तुम्हारा प्रेम
खुद में अंधकार को ले बैठती हूँ
शायद तुम भी चाहते हो
मैं कहीं दूर न चली जाऊँ
अंधकार से लड़कर
मुझे बार-बार बचाते हो
मुझे तो हँसी फूटती है
सैकड़ों बार
भटक चुकी हूँ
मेरे प्रेम मार्ग में
और मेरा निश्चय भी
कहाँ कठोर है?
लेकिन मुझमें
तुम्हारी उत्सुकता को देखकर
आत्मा उत्फुल्ल जाती है
मेरे पर आ जाते है
नील गगन में
दूर उड़ जाने को
मन होता है
फिर बादलों से
अठखेलियाँ करने को
ललचाती हूँ
मेरे आराध्य
तुम कभी-कभी
मेरी व्याकुलता का
अन्त कर जाते हो
खुद को छुपा-छुपाकर~तुलसी पिल्लई

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 349 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Mental health
Mental health
Bidyadhar Mantry
*खत आखरी उसका जलाना पड़ा मुझे*
*खत आखरी उसका जलाना पड़ा मुझे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हां मैं दोगला...!
हां मैं दोगला...!
भवेश
1-अश्म पर यह तेरा नाम मैंने लिखा2- अश्म पर मेरा यह नाम तुमने लिखा (दो गीत) राधिका उवाच एवं कृष्ण उवाच
1-अश्म पर यह तेरा नाम मैंने लिखा2- अश्म पर मेरा यह नाम तुमने लिखा (दो गीत) राधिका उवाच एवं कृष्ण उवाच
Pt. Brajesh Kumar Nayak
प्रभु शुभ कीजिए परिवेश
प्रभु शुभ कीजिए परिवेश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
वो ही तो यहाँ बदनाम प्यार को करते हैं
वो ही तो यहाँ बदनाम प्यार को करते हैं
gurudeenverma198
उसको ख़ुद से ही ये गिला होगा ।
उसको ख़ुद से ही ये गिला होगा ।
Neelam Sharma
महोब्बत के नशे मे उन्हें हमने खुदा कह डाला
महोब्बत के नशे मे उन्हें हमने खुदा कह डाला
शेखर सिंह
"मेरे हमसफर"
Ekta chitrangini
यह हिन्दुस्तान हमारा है
यह हिन्दुस्तान हमारा है
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मां कुष्मांडा
मां कुष्मांडा
Mukesh Kumar Sonkar
बारिश की बूंदों ने।
बारिश की बूंदों ने।
Taj Mohammad
क्या ऐसी स्त्री से…
क्या ऐसी स्त्री से…
Rekha Drolia
गुरु कृपा
गुरु कृपा
Satish Srijan
नाजुक देह में ज्वाला पनपे
नाजुक देह में ज्वाला पनपे
कवि दीपक बवेजा
दो अक्टूबर
दो अक्टूबर
नूरफातिमा खातून नूरी
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
तुझसे मिलते हुए यूँ तो एक जमाना गुजरा
तुझसे मिलते हुए यूँ तो एक जमाना गुजरा
Rashmi Ranjan
सालों बाद किसी ने
सालों बाद किसी ने
Sunanda Chaudhary
बचपन याद किसे ना आती ?
बचपन याद किसे ना आती ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
#justareminderdrarunkumarshastri
#justareminderdrarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चयन
चयन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अखंड साँसें प्रतीक हैं, उद्देश्य अभी शेष है।
अखंड साँसें प्रतीक हैं, उद्देश्य अभी शेष है।
Manisha Manjari
आसाँ नहीं है - अंत के सच को बस यूँ ही मान लेना
आसाँ नहीं है - अंत के सच को बस यूँ ही मान लेना
Atul "Krishn"
जय श्री राम
जय श्री राम
Neha
🙅विषम-विधान🙅
🙅विषम-विधान🙅
*Author प्रणय प्रभात*
*तपसी वेश सिया का पाया (कुछ चौपाइयॉं)*
*तपसी वेश सिया का पाया (कुछ चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
मास्टर जी: एक अनकही प्रेमकथा (प्रतिनिधि कहानी)
मास्टर जी: एक अनकही प्रेमकथा (प्रतिनिधि कहानी)
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"जिराफ"
Dr. Kishan tandon kranti
तेरा यूं मुकर जाना
तेरा यूं मुकर जाना
AJAY AMITABH SUMAN
Loading...