रात का अफ़साना
रात का अफ़साना भी ख़ास है
दिलों का फरमान भी बेहिसाब है
दूरियाँ खत्म हो, गुजारिश है ही
यूँ बेवजह मुहं फुलाना भी ख़ास है।
रात का अफ़साना भी ख़ास है
दिलों का फरमान भी बेहिसाब है
दूरियाँ खत्म हो, गुजारिश है ही
यूँ बेवजह मुहं फुलाना भी ख़ास है।