राजन हमें बताओ तुम !
राजन हमें बताओ तुम !
कितने सैनिक अभिमन्यु सम
बलिदान हमें करने होंगे ?
कितनी माँओं के आँचल
ऐ शासन !
सूने हमें सहने होंगे ?
कब तक नव वधूएँ उत्तरा सम
खून के आँसू बहाएँगी ?
कब तक भारतभूमि पर बहनें
भाइयों की भेंट चढ़ाएँगी ?
क्या उत्तर है इन प्रश्नों का
राजन हमें बताओ तुम !
तुष्टिकरण में राष्ट्र शक्ति की
ऐसे न भेंट चढ़ाओ तुम !
कभी आतंकी कभी नक्सली
ये दानव शीश उठाते हैं
सोते व भोजन करते वीरों की
पीठ पर हमला कर जाते हैं
कब तक इन दानवों की
ऐसे हिम्मत बढ़वाओगे
कब घाटी के जयद्रथों पर
कड़े कदम उठाओगे ?
मूक असहाय बनकर कब तक
अभिमन्यु को पत्थर मरवाओगे
उत्तर दे दो अब जनता को
कब सेना के ,
बंधे हाथ खुलवाओगे ?
डॉ रीता
आया नगर , नई दिल्ली