राजनीत
राजनीत
राजनीति के चक्कर में युवा बर्बाद हो जाता है
नेताओं के पीछे चलकर जिंदाबाद वो कहता है
आता है जब चुनाव तक युवा दिखाई देता है
चुनाव खत्म होते ही हर युवा तेजपत्ता बन जाता है
शासन सत्ता पाने पर नेता मौज उड़ाते हैं
युवा सड़कों गलियों में चर्चा करते रह जाते हैं
कि हमने जिन का साथ दिया वो हमें बर्बाद कर जाते हैं
अब कुछ कहने से क्या होगा यह सत्ता है नेताओं की
कैसे भी अपना सम्मान बचा लो ये है खेल सियासत की
राजनीत की चक्की में शिक्षित युवा पीसा जाता है
उस चक्की के आटा से नेता मौज की रोटी खाता है
चुनाव खत्म होते ही युवा तेजपत्ता बन जाता है
जब गांव की गलियों में टूटी सड़क खड़ंजो पर
उन खेतों की पगडंडी जब पर वोट मांगने जाना था
तब युवा दिखाई देता था हां हर एक युवा दिखाई देता था
उन युवाओं की राजनीति ने तुमको सत्ता दिलवाई है
वक्त आने पर यही वह तुम को सबक सिखा देंगे
राजनीति के यही युवा कल भारत के भविष्य होंगे
चंद्रगुप्त मौर्य जैसे युवा अखंड भारत के सम्राट बने
सिकंदर को भी जीतकर चक्रवर्ती सम्राट बने
युवाओं को हल्के में लेने वाला ही धोखा खाता है
युवाओं को अपमानित करने वाला मिट्टी में मिल जाता है
वक्त रहते ही संभल जाओ ये नेता सत्ताधारी के
वरना तुम बहुत पछताओगे चुनाव का वक्त आने पर
युवा खुलकर विरोध करेंगे तुम्हारे शासन सत्ता पर
राजनीति के यही युवा कल भारत के भविष्य होंगे ।।।
युवा कवि / लेखक
( गोविन्द मौर्या – प्रेम जी )
सिद्धार्थनगर – उत्तर प्रदेश