राजनीति का हल्लावोल,
पापा चिल्लाये जोर जोर से
काम हमारा बहुत बड़ा हैं,
मम्मी चिल्लाई सोर सोर से
हमसे बड़ा कोई और नहीं हैं,
भाई कहे हम 48 पार हैं
हमसे बड़ा न किसी का कारोंबार हैं,
दोस्त बोला हमारी ही चलेगी
काम हमारें भरे पड़े हैं,
रिश्ते नातें सब एक जुट गये
सभी लोग एक साथ गुट में गये,
जितने परिवार में लोग नहीं
उतने से ज्यादा टेंट बदल गये,
सभी ने मिलकर सपना देखा
अब तो होगा ये साकार,
फिर दिल्ली में बना ले गया दाँतों तले
ये झाड़ू बाला केजरीबाल सरकार,||
लेखक —Jayvind singh nagariya ji