राजनीति और प्यार
राजनीति और प्यार
वैलेंटाइन डे पर लड़के,
ने अवसर पाकर अनुकूल,
दिया एक लड़की के हाथों,
कर इजहार कमल का फूल ।
लड़की बोली
नहीं गुलाब यह,
कमल दिया विचार है भिन्न
लड़का बोला गलत नहीं ये
है मेरी पार्टी का चिन्ह ।
लड़की ने भी कदम उठाया,
राजनीति के ताल पर ।
हाथ का पंजा मारा जमकर
उस लड़के के गाल पर
फिर बोली की राजनीति ने,
आज दिलों को जोड़ दिया।
पर चुनाव चिन्हों ने थोड़ा
खट्टा मीठा मोड़ लिया।
तूने अपनी पार्टी का दे
चिन्ह अगर इजहार किया ।
मैंने अपनी पार्टी का दे
चिन्ह तुझे स्वीकार किया ।
सारे भेदभाव को भूलें,
नहीं जरा भी रार करें ।
वासंती मौसम कहता है,
आओ मिलकर प्यार करें ।
गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश