Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Feb 2023 · 1 min read

राग दरबारी

छोड़ दे सरकार की
जी-हजूरी, ऐ साथी
ऐसी भी क्या तेरी
मज़बूरी, ऐ साथी…
(१)
ख़ुद ही इस देश के
वे लोग हैं नौकर
तू जिनकी कर रहा
चापलूसी, ऐ साथी…
(२)
महंगाई से उनका
हाल होगा क्या
जो करके जी रहे
मज़दूरी, ऐ साथी…
(३)
गैरत से ज़्यादा
दौलत तो नहीं है
इंसान के लिए
ज़रूरी, ऐ साथी…
(४)
आंखों देखा सच
कहने के लिए
क्यों चाहिए किसी की
मंजूरी, ऐ साथी…
(५)
जुल्मत के दौर में
अच्छे दिन की बात
लगती है कितनी
बेसुरी, ऐ साथी…
(६)
रहनुमाई क़ौम की
क्या ख़ाक करेगी
वह शायरी जो है
दस्तूरी, ऐ साथी…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#पैसानामा #पूंजिपति #गीत #सियासत
#leadership #riots #गीतकार #कवि
#लेखक #पत्रकार #शायर #रागदरबारी
#भाट #चारण #स्तुति #कसीदा #सियासत
#फनकार #कलाकार #खिलाड़ी #poet
#bollywood #lyricist #HallaBol

Language: Hindi
408 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
छोड़ जाएंगे
छोड़ जाएंगे
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
**** फागुन के दिन आ गईल ****
**** फागुन के दिन आ गईल ****
Chunnu Lal Gupta
सेंगोल और संसद
सेंगोल और संसद
Damini Narayan Singh
" मैं फिर उन गलियों से गुजरने चली हूँ "
Aarti sirsat
सबसे प्यारा माॅ॑ का ऑ॑चल
सबसे प्यारा माॅ॑ का ऑ॑चल
VINOD CHAUHAN
अनजान लड़का
अनजान लड़का
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
महिला दिवस
महिला दिवस
Surinder blackpen
एक दिन में इस कदर इस दुनिया में छा जाऊंगा,
एक दिन में इस कदर इस दुनिया में छा जाऊंगा,
कवि दीपक बवेजा
चाँद से मुलाकात
चाँद से मुलाकात
Kanchan Khanna
‘ विरोधरस ‘---6. || विरोधरस के उद्दीपन विभाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---6. || विरोधरस के उद्दीपन विभाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
समझ
समझ
Dinesh Kumar Gangwar
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
Ram Krishan Rastogi
हर हाल में खुश रहने का सलीका तो सीखो ,  प्यार की बौछार से उज
हर हाल में खुश रहने का सलीका तो सीखो , प्यार की बौछार से उज
DrLakshman Jha Parimal
★भारतीय किसान★
★भारतीय किसान★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
या ख़ुदा पाँव में बे-शक मुझे छाले देना
या ख़ुदा पाँव में बे-शक मुझे छाले देना
Anis Shah
Ajib shakhshiyat hoti hai khuch logo ki ,
Ajib shakhshiyat hoti hai khuch logo ki ,
Sakshi Tripathi
ग़ज़ल - ख़्वाब मेरा
ग़ज़ल - ख़्वाब मेरा
Mahendra Narayan
"इण्टरनेट की सीमाएँ"
Dr. Kishan tandon kranti
क्यूँ ये मन फाग के राग में हो जाता है मगन
क्यूँ ये मन फाग के राग में हो जाता है मगन
Atul "Krishn"
जमाना नहीं शराफ़त का (सामायिक कविता)
जमाना नहीं शराफ़त का (सामायिक कविता)
Dr. Kishan Karigar
ध्यान में इक संत डूबा मुस्कुराए
ध्यान में इक संत डूबा मुस्कुराए
Shivkumar Bilagrami
पेड़ और चिरैया
पेड़ और चिरैया
Saraswati Bajpai
2738. *पूर्णिका*
2738. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दारू की महिमा अवधी गीत
दारू की महिमा अवधी गीत
प्रीतम श्रावस्तवी
सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा
सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा
पूर्वार्थ
*सुंदर भरत चरित्र (कुंडलिया)*
*सुंदर भरत चरित्र (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
■ जिसे जो समझना समझता रहे।
■ जिसे जो समझना समझता रहे।
*Author प्रणय प्रभात*
पुरखों का घर - दीपक नीलपदम्
पुरखों का घर - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
विश्व हिन्दी दिवस पर कुछ दोहे :.....
विश्व हिन्दी दिवस पर कुछ दोहे :.....
sushil sarna
विश्व कप लाना फिर एक बार, अग्रिम तुम्हें बधाई है
विश्व कप लाना फिर एक बार, अग्रिम तुम्हें बधाई है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...