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20 Mar 2023 · 1 min read

छोड़ जाएंगे

छोड़ जाएंगे

आंसू पलकों में
याद ख्वाबों में
जरूरत ख्वाहिशों में
लेकर पथ में साथ
सफर पे निकल जाएंगे!
छोड़ जाएंगे!

हां! छोड़ जाएंगे!
तेरा शहर!
तेरी गली!
तेरी याद!
जहां भी अकेला पाएंगे!
छोड़ जाएंगे!

ढूंढ़ने पर भी नहीं मिलेंगे
कहीं फूल सा खिलेंगे
सहकर तड़प मिलने की
मुरझा कर गिर जाएंगे!
छोड़ जाएंगे!

दूर ठीकाना तलाशेंगे
जब भी मिरर में झांकेंगे
फैलेगी उसमें मुस्कान
अश्कों में उसे बहाएंगे!
छोड़ जाएंगे!

रहेंगे या नहीं पता क्या?
गिला, शिकवा,खता क्या?
सहना है दर्द जो भी
हंसकर कंधे उठाएंगे!
छोड़ जाएंगे!

रोहताश वर्मा ‘मुसाफ़िर’

Language: Hindi
1 Like · 151 Views
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