Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Nov 2020 · 1 min read

रागनी नंबर 34 : खामे खां की मैं होरी आज , हर इंसान में..!!

दो दिन का मेहमान रे बन्दे, इस जगत जिहान में,
खामे खां की मैं होरी आज , हर इंसान में..!!टेक!!

बणया रै फिरै छैल छबीला, एक दिन होज्यागा ऊंट-मटीला।
जिसनै कह कुटुम्ब कबीला, जा छोड़ै श्मशान में ..!!१!!

थोड़ा सा तूँ करै नै विचार, ना तैं लूटले-गा यो संसार।
सबतै पहलयां तेरे मित्र-यार, तनै छोड़ै स्यात हाण में..!!२!!

घणे जा लिए गर्दिश में फंसकै, बैठ गए मोह माया में धंसकै।
तृष्णा पापण नै गेरे डसकै, पड़या फर्क ईमान में ..!!३!!

कपीन्द्र शर्मा गुरु की बाणी, समो एकसी ना सदा थ्याणी।
मनजीत पहासौरिया गाथा गाणी , रह हर के ध्यान में..!!४!!!

रचनाकार:- लेखक मनजीत पहासौरिया
फोन नं०:- 9467354911, 7988728037

Language: Hindi
253 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
-- गुरु --
-- गुरु --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
नदी
नदी
Kumar Kalhans
हादसे बोल कर नहीं आते
हादसे बोल कर नहीं आते
Dr fauzia Naseem shad
मुखड़े पर खिलती रहे, स्नेह भरी मुस्कान।
मुखड़े पर खिलती रहे, स्नेह भरी मुस्कान।
surenderpal vaidya
"जलेबी"
Dr. Kishan tandon kranti
3087.*पूर्णिका*
3087.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अपना नैनीताल...
अपना नैनीताल...
डॉ.सीमा अग्रवाल
😊 #आज_का_सवाल
😊 #आज_का_सवाल
*Author प्रणय प्रभात*
एक नसीहत
एक नसीहत
Shyam Sundar Subramanian
वक्त थमा नहीं, तुम कैसे थम गई,
वक्त थमा नहीं, तुम कैसे थम गई,
लक्ष्मी सिंह
आया जो नूर हुस्न पे
आया जो नूर हुस्न पे
हिमांशु Kulshrestha
ज्ञान तो बहुत लिखा है किताबों में
ज्ञान तो बहुत लिखा है किताबों में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सालों बाद किसी ने
सालों बाद किसी ने
Sunanda Chaudhary
अपनों की जीत
अपनों की जीत
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
हाय.
हाय.
Vishal babu (vishu)
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बीते साल को भूल जाए
बीते साल को भूल जाए
Ranjeet kumar patre
*राष्ट्रभाषा हिंदी और देशज शब्द*
*राष्ट्रभाषा हिंदी और देशज शब्द*
Subhash Singhai
Life
Life
C.K. Soni
*अभिनंदन हे तर्जनी, तुम पॉंचों में खास (कुंडलिया)*
*अभिनंदन हे तर्जनी, तुम पॉंचों में खास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हालातों से हारकर दर्द को लब्ज़ो की जुबां दी हैं मैंने।
हालातों से हारकर दर्द को लब्ज़ो की जुबां दी हैं मैंने।
अजहर अली (An Explorer of Life)
असतो मा सद्गमय
असतो मा सद्गमय
Kanchan Khanna
आखिर में मर जायेंगे सब लोग अपनी अपनी मौत,
आखिर में मर जायेंगे सब लोग अपनी अपनी मौत,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
दिल को सिर्फ तेरी याद ही , क्यों आती है हरदम
दिल को सिर्फ तेरी याद ही , क्यों आती है हरदम
gurudeenverma198
गजब गांव
गजब गांव
Sanjay ' शून्य'
नमस्कार मित्रो !
नमस्कार मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
🌱कर्तव्य बोध🌱
🌱कर्तव्य बोध🌱
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
माया मोह के दलदल से
माया मोह के दलदल से
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
💐प्रेम कौतुक-439💐
💐प्रेम कौतुक-439💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...