Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jan 2024 · 1 min read

रहो कृष्ण की ओट

रहो कृष्ण की ओट

जीवन मे जो भी मिला,
निज कर्मों का खेल।
जो किया सो पाया नर ने,
भले बुरे का मेल।

जीवन में जो भी मिले
सीखो उसे पचाना।
सबका यहाँ हिसाब है,
न करिये मनमाना।

भजन पचाया न अगर,
अंदर सुख हो बंद।
भोजन पचे न पेट में
देह की गति हो मंद।

पैसा पचे न यदि कहीं,
मन में बढ़े दिखावा।
बात पचाये न पचे,
चुगली निंदा आवा।

प्रशंसा यदि सिर चढे,
तो बढ़ जाये घमंड।
राज पचाये न पचे,
नर होए उद्दण्ड।

दुख कहीं ज्यादा होय तो,
बढ़ती बहुत निराशा।
सुख पचाये न पचे,
पाप होय बेतहाशा।

सोच समझ जीवन जिओ,
रहो कृष्ण की ओट।
यदि कहीं चले कुमार्ग पर,
पड़े काल की चोट।

Language: Hindi
231 Views
Books from Satish Srijan
View all

You may also like these posts

मानवता के पथ पर
मानवता के पथ पर
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
महिला दिवस
महिला दिवस
ललकार भारद्वाज
कल से भी बेहतर करो
कल से भी बेहतर करो
संतोष बरमैया जय
राजस्थान
राजस्थान
Anil chobisa
3233.*पूर्णिका*
3233.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल-अपनी ही एक ख़ुमारी है !
ग़ज़ल-अपनी ही एक ख़ुमारी है !
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
आत्मस्वरुप
आत्मस्वरुप
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
........
........
शेखर सिंह
*क्या कर लेगा इंद्र जब, खुद पर निर्भर लोग (कुंडलिया)*
*क्या कर लेगा इंद्र जब, खुद पर निर्भर लोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
तू सीता मेरी मैं तेरा राम हूं
तू सीता मेरी मैं तेरा राम हूं
Harinarayan Tanha
ये दुनिया है कि इससे, सत्य सुना जाता नहीं है
ये दुनिया है कि इससे, सत्य सुना जाता नहीं है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बदला है
बदला है
इंजी. संजय श्रीवास्तव
दिल-ए-मज़बूर ।
दिल-ए-मज़बूर ।
Yash Tanha Shayar Hu
खुला आसमान
खुला आसमान
Meenakshi Bhatnagar
उफ्फ,
उफ्फ,
हिमांशु Kulshrestha
~रोटी~
~रोटी~
Priyank Upadhyay
मैं हूं गुलाब
मैं हूं गुलाब
पं अंजू पांडेय अश्रु
होली
होली
Madhu Shah
जय भवानी, जय शिवाजी!
जय भवानी, जय शिवाजी!
Kanchan Alok Malu
दंश
दंश
Sudhir srivastava
आंख हो बंद तो वो अपना है - संदीप ठाकुर
आंख हो बंद तो वो अपना है - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
ज़ेवर नहीं, ज़ंजीर है यह
ज़ेवर नहीं, ज़ंजीर है यह
Shekhar Chandra Mitra
हज़ारों चाहने वाले निभाए एक मिल जाए
हज़ारों चाहने वाले निभाए एक मिल जाए
आर.एस. 'प्रीतम'
चुनावों का चाव
चुनावों का चाव
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
हम भी अगर बच्चे होते
हम भी अगर बच्चे होते
नूरफातिमा खातून नूरी
शिक्षामित्रों पर उपकार...
शिक्षामित्रों पर उपकार...
आकाश महेशपुरी
*भारत*
*भारत*
सुनीलानंद महंत
" दोस्त दोस्ती और पल"
Lohit Tamta
میں ہوں تخلیق اپنے ہی رب کی ۔۔۔۔۔۔۔۔۔
میں ہوں تخلیق اپنے ہی رب کی ۔۔۔۔۔۔۔۔۔
Dr fauzia Naseem shad
मजदूरों के मसीहा
मजदूरों के मसीहा
नेताम आर सी
Loading...