रहा हूँ जूझता अक्सर……..
रहा हूँ जूझता अक्सर कमी से,
गिला कोई नहीं, पर ज़िन्दगी से,
किसे है “अश्क”ख़्वाहिश दो-जहाँ की-
मिला जितना मुझे, हूँ ख़ुश उसी से।।
© अश्क चिरैयाकोटी
दि०:24/02/2022
रहा हूँ जूझता अक्सर कमी से,
गिला कोई नहीं, पर ज़िन्दगी से,
किसे है “अश्क”ख़्वाहिश दो-जहाँ की-
मिला जितना मुझे, हूँ ख़ुश उसी से।।
© अश्क चिरैयाकोटी
दि०:24/02/2022