“रहबर”
“रहबर”
मैंने ऐसी भी बस्ती देखी जहाँ
दीया है, रौशनी है, घर नहीं है,
तेरे दिखाए रास्ते पर चल रहा
भले ही तू मेरा रहबर नहीं है।
“रहबर”
मैंने ऐसी भी बस्ती देखी जहाँ
दीया है, रौशनी है, घर नहीं है,
तेरे दिखाए रास्ते पर चल रहा
भले ही तू मेरा रहबर नहीं है।