रहन सहन
रहन-सहन और चाल चलन
हर अंचल का बड़ा सुहाना है
अलग-अलग पहनावा
अलग-अलग खाना है
अलग-अलग हैं रीति रिवाज
अलग-अलग गाना है
अलग-अलग बोली भाषाएं
फिर भी एक ठिकाना है
रंग-बिरंगे फूलों का
नायाब एक नजराना है
मेरा भारत सबसे सुंदर
खुशियों का एक खजाना है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी