रहन सहन
रहन सहन
रहन सहन और चाल चलन
हर अंचल का बड़ा सुहाना है
अलग-अलग ही धर्म संप्रदाय
सबका एक ठिकाना है
अलग-अलग पहनावा
अलग-अलग खाना है
अलग-अलग है रीति रिवाज
अलग-अलग गाना है
अलग-अलग हैं बोली भाषाएं
शिल्प साहित्य बड़ा पुराना है
अलग-अलग जलवायु है
मौसम बड़ा सुहाना है
रंग बिरंगे फूलों का
नायाब एक नजराना है
मेरा भारत सबसे सुंदर
खुशियों का एक खजाना है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी