Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Sep 2023 · 1 min read

रमणीय प्रेयसी

#दिनांक:-25/9/2023
#शीर्षक:-रमणीय प्रेयसी

आज दिल से एक आवाज आयी ,
रूबरू हुईं थी मेरी ही परछाई !
मत कर तुलना अपनी प्रेम का ,
ताकतवरों से ,
आत्मा तक टूटकर बिखर जायेगा ,
सफाई में समय बर्बाद मत कर ,
जिसको जो पसंद, वही सुनना चाहेगा ।
बहुत किया पीछा ,
अब पीछे हट जा ,
सारे गमों को पानी के साथ गटक जा ,
दर-बदर भटकने से अच्छा तू मर जा।
खुद को बेइन्तहा प्यार कर ,
इकरार बार-बार कर ,
संशय नहीं, विश्वास कर ,
सवाल नहीं, आत्मसात् कर ।
हर नजर के गुनाहगार हैं हम,
बस अपनी नजर के बेगुनाहगार हैं हम ,
कदम-दर-कदम मंजिल पाने की जिद थी ,
पर क्या हुआ एक ने दिल तोड़ दिया तो ,
करोड़ों दिलों की ‘रमणीय प्रेयसी’ हैं हम |

रचना मौलिक, अप्रकाशित, स्वरचित और सर्वाधिकार सुरक्षित है।

प्रतिभा पाण्डेय “प्रति”
चेन्नई

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 214 Views

You may also like these posts

युद्ध का आखरी दिन
युद्ध का आखरी दिन
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
अच्छे कर्मों का फल (लघुकथा)
अच्छे कर्मों का फल (लघुकथा)
Indu Singh
ये दौलत ये नफरत ये मोहब्बत हो गई
ये दौलत ये नफरत ये मोहब्बत हो गई
VINOD CHAUHAN
- बदल रहा संसार -
- बदल रहा संसार -
bharat gehlot
3622.💐 *पूर्णिका* 💐
3622.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
माँ तुझे मैं थामना चाहती हूँ
माँ तुझे मैं थामना चाहती हूँ
Chitra Bisht
"बूढ़े होने पर त्याग दिये जाते हैं ll
पूर्वार्थ
मैं अवनि...
मैं अवनि...
Santosh Soni
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
Every day true love...।
Every day true love...।
Priya princess panwar
हो सके तो मुझे भूल जाओ
हो सके तो मुझे भूल जाओ
Shekhar Chandra Mitra
मनभावन बसंत
मनभावन बसंत
Pushpa Tiwari
इसलिए कठिनाईयों का खल मुझे न छल रहा।
इसलिए कठिनाईयों का खल मुझे न छल रहा।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
रुख़सारों की सुर्खियाँ,
रुख़सारों की सुर्खियाँ,
sushil sarna
एक चाय तो पी जाओ
एक चाय तो पी जाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अपने अंदर करुणा रखो आवेश नहीं मेघ की वर्षा से पुष्प खिलते है
अपने अंदर करुणा रखो आवेश नहीं मेघ की वर्षा से पुष्प खिलते है
Ranjeet kumar patre
आस...
आस...
इंजी. संजय श्रीवास्तव
प्रकृति की गोद खेल रहे हैं प्राणी
प्रकृति की गोद खेल रहे हैं प्राणी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बीमार घर/ (नवगीत)
बीमार घर/ (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
फूलों की तरह मैं मिली थी और आपने,,
फूलों की तरह मैं मिली थी और आपने,,
Shweta Soni
"वक्त" भी बड़े ही कमाल
नेताम आर सी
अ
*प्रणय*
स्वतंत्रता दिवस
स्वतंत्रता दिवस
Ayushi Verma
" जब "
Dr. Kishan tandon kranti
कोई तंकीद कर नहीं पाते ,
कोई तंकीद कर नहीं पाते ,
Dr fauzia Naseem shad
दस्तावेज बोलते हैं (शोध-लेख)
दस्तावेज बोलते हैं (शोध-लेख)
Ravi Prakash
(दीवाली गीत)
(दीवाली गीत)
Dr Archana Gupta
सच रेत और रेगिस्तान का भी मतलब होता हैं।
सच रेत और रेगिस्तान का भी मतलब होता हैं।
Neeraj Agarwal
गुजर जाती है उम्र, उम्र रिश्ते बनाने में
गुजर जाती है उम्र, उम्र रिश्ते बनाने में
Ram Krishan Rastogi
कुछ सवालात
कुछ सवालात
Shyam Sundar Subramanian
Loading...