रचना
मोहब्बत का होना जरूरी है
कुछ पाना ओ खोना जरूरी है
जीवन के रंग ढंग खास ऐसे ही
गर हंसना हो रोना जरूरी है!!
रूठे को मनाना जरूरी है
सोते को जगाना जरूरी है
इतना तो तू भी जान ले सीरत
गिरते को उठाना जरूरी है
तुक्के लगाने से कविता नहीं बनती
ख्याल चुराने से कविता नहीं बनती
कविता है जिन्दगी का हंसी रंग “सीरत”
यूँ आंसू बहाने से कविता नहीं बनती
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़