“रचती सुन्दर सृष्टि”
“रचती सुन्दर सृष्टि”
सदा से स्त्रियों का होना
रचती है सुन्दर सृष्टि
ढेरों संस्कार औ’ संसार,
हर पल हर रोज
पीकर वेदनाओं को अपार।
“रचती सुन्दर सृष्टि”
सदा से स्त्रियों का होना
रचती है सुन्दर सृष्टि
ढेरों संस्कार औ’ संसार,
हर पल हर रोज
पीकर वेदनाओं को अपार।