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26 Oct 2023 · 1 min read

रखा है

ये दिल उसके नाम कर रक्खा है,
जिसने मेरी नजरो को आराम कर रक्खा है…

अपनी काली निगाहों मे, लगा कर काजल,
उसने मेरे कत्ल का इंतेजाम कर रक्खा है….

उसकी मुस्कुराहट को लिख कर चांदनी,
मैन, उस चाँद का हर किस्सा तमाम कर रक्खा है….

एक उसी का नाम है जो छिपा लिया मैंने,
जिक्र जिसका सर-ए-आम कर रक्खा है…..

Language: Hindi
290 Views

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