रक्षा बंधन
रक्षा बंधन
संपूर्ण संसार में प्रेम का प्रतीक
“रक्षाबंधन”पर्व
सतयुगी दुनिया के सच्चे सारथी Lmao गर्व
व्दापरयुग से कच्चे धागे का ,
श्रेष्ठ कर्म प्रतिज्ञाबध्य किया ।
रखेंगे मान-मर्यादा नर-नारी का ,
नहीं तोडेंगे प्रतिज्ञा प्रण किया ।।
क्या हुआ मनुष्य ? जो आज शक्तिहीन,
कमजोर ना पवित्र भ्रातृभाव ।
शक्ति जाग्रत कर , शील धर्म की रक्षा कर , साहसी मन से रक्षाभाव ।।
रक्षा सुत्र संकल्प शक्ति , रक्षा बंधन का प्रतीक कलावा ।
कर पुरुषार्थ मेहनत , हाथो में रहे सदा लक्ष्मी का बढ़ावा ।।
कर्म हैं त्रिदेव मणिबंधो में ,
तभी वास त्रिदेवियों का रहें ।
समर्पित भक्तिभाव से क्रिया कर,
हरपल निश्चित रहें ।।
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– राजू गजभिये