रक्षा- बंधन…!!!!
रेशम की डोर का है यह बंधन
हर सावन में आए नाम है इसका रक्षाबंधन
राखी सिर्फ धागा नहीं एक विश्वास होती है
बहन आएगी राखी पर भाई की ये आस होती है
रोली, धूप, पुष्प, मिठाई से थाल सजाकर
सूनी कलाई में राखी बांधकर
बहन लगाती है कुमकुम चंदन
करती है वह पूजा वंदन
भाई बहन को देता एक प्यारा- सा उपहार है
राखी का यह त्यौहार है
राखी का रिश्ता है ऐसा
जिसमें भाई बहन का प्यार है
प्रीत, स्नेह का है यह रिश्ता
भाई होता बहनों के लिए एक फ़रिश्ता
देता है भाई जो सौगात
उसमें छिपे होते हैं इस रिश्ते के जज़्बात
दीर्घायु हो भाई
मंगल कामना करती है बहना
ना हो संकटों से कभी भाई का सामना
इस दिन का होता भाई बहन को इंतजार है
राखी का यह त्यौहार है
याद आता है वो राखी वाला बचपन
सदा रहे भाई-बहन में वो बचपन वाला अपनापन
बहन रेशम का धागा बांधकर
दुआ करें भाई रहे कुशल मंगल
भाई चाहे बहन के जीवन में ना हो कोई करुणा- क्रंदन
यह है भाई- बहन का अनमोल पर्व रक्षाबंधन
भाई- बहन का रिश्ता स्वयं ईश्वर की सौगात है
माता-पिता का रहता साथ सदा आशीर्वाद है
राखी भाई- बहन के रिश्ते का आधार है
राखी का यह त्यौहार है
इस रिश्ते से जुड़ी रहें हमेशा सच्ची भावनाएँ
ज्योति की तरफ़ से राखी की ढेरों शुभकामनाएँ।
_ज्योति खारी