रक्षा बंधन का ये पावन त्यौहार !
रक्षा बंधन का ये पावन त्यौहार !
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रक्षा बंधन का ये पावन त्यौहार ,
लाया है खुशियाॅं अनंत, अपार !
बहना लुटाती भाई पे खूब प्यार ,
भाई भी देता बेश़कीमती उपहार !!
करते जब बहुत लंबा सा इंतज़ार….
तब वर्ष में आता ये ख़ास त्यौहार !
भाई आ जाता बहना के ऑंगन द्वार ,
करते – करते सात समुंदर वह पार !!
बहना बाॅंधती रक्षा सूत्र भाई के हाथ ,
और करती लंबी उम्र की फ़रियाद !
लगाकर उसके माथे पे चंदन टीका ,
लेती उससे अपनी सुरक्षा का वादा !!
इस त्यौहार के संदेश हैं अनेक….
सब रहें मिल-जुलकर सदैव एक !
न हो केवल भाई-बहन तक ये प्रेम ,
फैल जाए पूरे संसार में भी ये प्रेम !!
सब रहें मिल-जुलकर भूलके हर द्वेष ,
लेकर इस रक्षाबंधन त्यौहार से संदेश !
यह त्यौहार देता सुंदर प्यार का पैग़ाम ,
हर कोई करें जिसे एक-दूसरे के नाम !!
ना हो कभी जाति – धर्म का कोई भेद ,
बस हो, आपसी भाईचारे से सदा स्नेह !
कायम करें परस्पर दिल में इक विश्वास ,
आपसी समन्वय व मुहब्बत का हो साथ !!
हर देशवासी का हो एक-दूसरे से प्यार ,
करके वर्षों पुराने नफ़रत को दरकिनार !
मनाएं जमकर श्रावण का यह त्यौहार ,
बाॅंटते खुशियाॅं रंग-बिरंगी लाख हज़ार !!
करें वैसे भाईयों का भी तनिक ख़्याल….
जिनके पास बहनों का है बहुत अकाल !
बाॅंधकर उनकी कलाई में भी अपना प्यार ,
उनके जीवन को भी बहना कर दें निहाल !!
कुछ भाई न आ पाते अपनी बहन के पास ,
क्योंकि नहीं मिल पाती उन्हें कोई अवकाश !
पर उन्हें भी बहना मिल जाएगी आसपास ,
गर बहना को तथाकथित भाई पे हो विश्वास !!
तो चलें, बना दें इस रक्षाबंधन को कुछ ख़ास ,
कुछ करें जिससे हो बेहतर भविष्य की आस !
कोई ना रह पाएं इस पावन अवसर पे निराश ,
शुभकामना! सब मिल करें ऐसा ही कुछ प्रयास !!
स्वरचित एवं मौलिक ।
अजित कुमार “कर्ण”✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 22-08-2021.
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