Jaruri to nhi , jo riste dil me ho ,
कई बार हम ऐसे रिश्ते में जुड़ जाते है की,
परदेसी की याद में, प्रीति निहारे द्वार ।
मुश्किल घड़ी में मिली सीख
था मैं तेरी जुल्फों को संवारने की ख्वाबों में
Love
Abhijeet kumar mandal (saifganj)
कभी अपने लिए खुशियों के गुलदस्ते नहीं चुनते,
************ कृष्ण -लीला ***********
*मुंडी लिपि : बहीखातों की प्राचीन लिपि*