**** रक्षाबंधन का त्योहार आया ****
**** रक्षाबंधन का त्योहार आया ****
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रक्षाबंधन का आया प्यारा त्यौहार है।
बहन – भाई से बनता सुंदर संसार है।
बहन, भाई के घर आई राखी बाँधने,
कलाई पर बांधा उसने गहरा प्यार है।
बहुत ज्यादा ताकत है रेशम की डोर में,
मिलन की बेला भी आने को तैयार है।
वियोगी मनवा मिलने को रहता खींचता,
लगन के फूलों से डलता मोहक हार है।
दुआ देती बहनें भाई को दिल से सदा,
विनय से ही फलता आया घर परिवार है।
सदा राखी सा दिन हो घर में हर रोज ही,
बने ताना – बाना ऐसा जीवन आधार है।
पिता को भाई में मनसीरत रहती देखती,
बहन की झोली भर दो,ये अंतिम सार है।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)