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15 May 2023 · 1 min read

रक्त को उबाल दो

रक्त को उबाल दो

रक्त को उबाल दो
देश हित वार दो

पौरुष से खुद को सजा
देश पर निसार दो

चंद्रहास हाथ ले
दुश्मनों के हृदय को चीर दो

देश प्रेम हित जियो
देश के लिए मरो

यूं ही विलाप मत करो
देश पथ पर चलो

मुसीबतों से न डरो
बुलंद खुद को करो

आँधियों का डर छोड़कर
देश हित तुम बढ़ो

देश को समझो सर्वोपरि
देश पर मिटे चलो

उम्मीद तुम न छोड़ना
देश से दिल जोड़ना

कुर्बान हों हम देश पर
ऐसे विचार तुम धरो

कहानी न हो ये जिन्दगी
शहीदों की राह पर चलो

ख्वाहिशों की राह छोड़कर
प्यार देश से करो

नौजवानों आगे बढ़
देश पर मिटे चलो

दुश्मनों को पस्त तुम करो
नामुमकिन हर ख़्वाब तुम करो

देश पर जो मर मिटोगे
शहीद तुम कहलाओगे

जिन्दगी हो जायेगी पाकीजा तेरी
करेंगे तुझे सब सलाम

रक्त को उबाल दो
देश हित वार दो

पौरुष से खुद को सजा
देश पर निसार दो

Language: Hindi
1 Like · 225 Views
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
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