रक्तदान
रक्तदान
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बात बहुत सरल सी जानो।
रक्त बिना ना जीवन मानो।
रग-रग बहे जब रक्त धारा
जीवन तब ही चले हमारा।
यूं तो दान बहुत से है भाई।
सर्वोत्तम रक्तदान ही भाई।
अमूल्य ये जीवन है अपना।
बिन रक्त दिखे मानो यह सपना।
चाह रक्त की होती है जब।
दानी में तब दिखता है रब।
प्रभु सम आकर जान बचाता।
कहलाता वह जीवन-दाता।
बात मेरी तुम ध्यान से सुनना।
रक्तदान की राह को चुनना।
लाभ देह को देता यह दान।
नव रक्त का करता निर्माण।
सुधा भारद्वाज
विकासनगर उत्तराखण्ड़