रक्तदान महादान
रक्तदान महादान
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तलाश जारी रहे मंजिल की,
शिक्षा की अलख जगा दो ।
वक़्त पड़े तो अपने खून को,
दूसरे के रगो में बहा दो।
योगदान करें समाज का नित,
जीवन बगिया महका दो।
रक्त दान सेवा करके तुम,
जरूरतमंदो का मन बहला दो।
मन से सेवा तन से सेवा,
और रक्त दान से सेवा।
जीवन की यही असल भलाई,
तभी मिलेगी जीवन में मेवा।
ये रक्तवीर साहसी आगे बढ़,
नव जीवन देकर पुण्य कर्म कर।
मानव कल्याण सतत करते चल,
हे युवा पीढ़ी आगे बढ़ आगे बढ़।
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डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”✍️