रक्खा था ख्वाब आंखों में अपनी संभाल कर ।
रक्खा था ख्वाब आंखों में अपनी संभाल कर ।
चाहत में तेरी इश्क़ की यादों में ढाल कर ।
तू साथ यूंही उम्र भर अगर चले मेरे हमनवा ।
रख दूंगा तेरे कदमों में ये दिल निकाल कर।।
Phool gufran
रक्खा था ख्वाब आंखों में अपनी संभाल कर ।
चाहत में तेरी इश्क़ की यादों में ढाल कर ।
तू साथ यूंही उम्र भर अगर चले मेरे हमनवा ।
रख दूंगा तेरे कदमों में ये दिल निकाल कर।।
Phool gufran