-रंग बरसे
न जाने किसकी लगी थी नजर,
गए साल बंद हो गई थी सारी डगर
अब की साल हे ईश्वर,
कोरोना को कर बेघर,
सबका दूर करो डर,
सकुशल हो सब अपने घर,
सर्व मंगल और व्यापार अंचल,
सुरक्षित हो सबका कल,
सबके जीवन में खुशियों के
रंग बरसे सरर् सरर्,
पर ऐसा होगा जब,लापरवाही छोड़,
सुरक्षा का उपकरण अपनाएगा हर नर।
– सीमा गुप्ता