रंग बरसे# प्रेम रंग लाल गुलाल
हर रंग की है बात निराली
हर रंग की है अपनी ही कहानी
पहला है प्रेम रंग लाल गुलाल
लाल रंग जिसमें प्रेम रंग में रंगा है, राधा कृष्ण का प्रेम अपार
होली खेले राधा संग कान्हा
लगाया प्रेम रंग का लाल गुलाल
कान्हा जी के इस प्रेम रंग में रंग गई राधा
सुध बुध भूली अपनी राधा
आंखों में बसी है बस छवि कान्हा की
सब रंगों को भूली राधा
बस वह तो रंग गई कान्हा की प्रीत में
बंध गया एक प्रीत का धागा
रंग बरसे प्रेम का, बरसा लाल गुलाल
*** नीतू गुप्ता