रंग तिरंगे के छाएं
जन जन को प्राणों से प्यारा, ये गणतंत्र हमारा है
संविधान निज मिला राष्ट्र को, सबका बना सहारा है
संविधान के इस उत्सव को, हम प्रतिवर्ष मनाते हैं
भारत माँ की शान तिरंगा, लगता हमको प्यारा है
अधिकारों के लिए लड़ रहे, कर्तव्यों को मत भूलो
जात धर्म की राजनीति में, भारत माँ को मत भूलो
भारत माता के टुकड़े हों, नारे खूब लगाते हो
देश बचेगा तभी बचोगे, याद रखो ये मत भूलो
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख इसाई, एकसूत्र में बँध जाएं
भारत भू को देशद्रोहियों, के चंगुल से छुड़वाएं
घर के भीतर गद्दारों का, मिल जुल कर प्रतिकार करें
जन गण की पहचान तिरंगा, सदा शान से फहराएं
आओ इस गणतंत्र दिवस पर, गीत एकता के गाएं
राष्ट्र प्रेम की अलख जगाकर, देश राग फिर से गाएं
भारत माता का यश वैभव पुनः विश्व पर छा जाए
पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण, रंग तिरंगे के छाएं
श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद.