Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 May 2024 · 1 min read

रंग जाओ

रंग जाओं

ओ माई … ओ माई … ओ माई …
उस मासूम ने मुरझा हुआ चेहरा लेकर
व भुख से व्याकुल होकर लगातार
आवाज़ दे रहा था ।

घर के अन्दर से आवाज़ आयी
कौन हैं रे …
किसी भी टाईम पर टपकते ही रहते हैं …
मन ही मन सोच रही थी , इस महानगर में
सबका स्वागत हैं
यहाँ पर जो भी आता हैं , अपनी-अपनी
किस्मत की खाता हैं
स्टार बनने का स्वप्न देखता हैं ,
जीवन अपने पैरो पर जीता हैं
वहीं ” मुकद्दर का सिंकद्दर ” कहलाता हैं
कहाँ से आया हैं ?
कौन हैं ?
क्या हैं ?
मुझे नहीं चाहिए जानकारी
बस तू “भारत” हैं ,
भारतीय बनकर रहना हैं
भाईगिरी , दादागिरी , गुंडागर्दी
करना नहीं
गंदगी फैलाना नहीं
ये महानगर तो क्या , यह जग आपका
हैं नन्हें प्यारे …
जहाँ रहना हैं , काम करना हैं ,खाना हैं
उसमें रंग जाओ और “एकता” से रहों
000
– राजू गजभिये

Language: Hindi
97 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Raju Gajbhiye
View all
You may also like:
रंग कैसे कैसे
रंग कैसे कैसे
Preeti Sharma Aseem
गौरवशाली भारत
गौरवशाली भारत
Shaily
सार्थक जीवन - मंत्र
सार्थक जीवन - मंत्र
Shyam Sundar Subramanian
Bundeli Doha pratiyogita-149th -kujane
Bundeli Doha pratiyogita-149th -kujane
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
गुरु वह जो अनंत का ज्ञान करा दें
गुरु वह जो अनंत का ज्ञान करा दें
हरिओम 'कोमल'
हार का पहना हार
हार का पहना हार
Sandeep Pande
वक्त अब कलुआ के घर का ठौर है
वक्त अब कलुआ के घर का ठौर है
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
*दीपक सा मन* ( 22 of 25 )
*दीपक सा मन* ( 22 of 25 )
Kshma Urmila
मौज  कर हर रोज कर
मौज कर हर रोज कर
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
एक व्यथा
एक व्यथा
Shweta Soni
ले लो आप सब ज़िंदगी के खूब मजे,
ले लो आप सब ज़िंदगी के खूब मजे,
Ajit Kumar "Karn"
ख़ियाबां मेरा सारा तुमने
ख़ियाबां मेरा सारा तुमने
Atul "Krishn"
हो रही है ये इनायतें,फिर बावफा कौन है।
हो रही है ये इनायतें,फिर बावफा कौन है।
पूर्वार्थ
Good Night
Good Night
*प्रणय*
"शीशा और रिश्ता बड़े ही नाजुक होते हैं
शेखर सिंह
बारिश ने बरस कर फिर गुलशन को बदल डाला ,
बारिश ने बरस कर फिर गुलशन को बदल डाला ,
Neelofar Khan
सागर ने जब जब हैं  हद तोड़ी,
सागर ने जब जब हैं हद तोड़ी,
Ashwini sharma
हरी भरी तुम सब्ज़ी खाओ|
हरी भरी तुम सब्ज़ी खाओ|
Vedha Singh
श्रीकृष्ण
श्रीकृष्ण
Raju Gajbhiye
*भारत*
*भारत*
सुनीलानंद महंत
संत गुरु नानक देव जी
संत गुरु नानक देव जी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कविता (आओ तुम )
कविता (आओ तुम )
Sangeeta Beniwal
*सवर्ण (उच्च जाति)और शुद्र नीच (जाति)*
*सवर्ण (उच्च जाति)और शुद्र नीच (जाति)*
Rituraj shivem verma
कोई तो है
कोई तो है
ruby kumari
"राजनीति में आत्मविश्वास के साथ कही गई हर बात पत्थर पर लकीर
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
जीवन में असली कलाकार वो गरीब मज़दूर
जीवन में असली कलाकार वो गरीब मज़दूर
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िन्दगी को
ज़िन्दगी को
Dr fauzia Naseem shad
अक्सर यूं कहते हैं लोग
अक्सर यूं कहते हैं लोग
Harminder Kaur
तेरा वादा.
तेरा वादा.
Heera S
*पीते-खाते शौक से, सभी समोसा-चाय (कुंडलिया)*
*पीते-खाते शौक से, सभी समोसा-चाय (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Loading...