रंग कैसे कैसे
रंग कैसे -कैसे
वाह रे! तेरे जमाने में, रंग कैसे -कैसे है |
इस के मुंह पे ऐसे और उस के मुंह पे एेसे है |
वाह रे! तेरे जमाने में, रंग कैसे -कैसे है |
हंस -हंस के बात करते है |
चेहरे पे चेहरे रखते है|
राम को छोड़ के ,
माया को दिन-रात भजते है |
बस ढोंग है, दिखावे है |
इसके मुंह पे एेसे और उस के मुंह पे एेसे है |
वाह रे! तेरे जमाने में, रंग कैसे -कैसे हैं |
सच -झूठ ,अदला -बदली है |
सब नाटक की एक मंडली है |
दिखावे का बोलबाला है |
उजला हुआ अंदर से |
अंदर से स स्याह-काला है |